कहानी लिखने के नियम क्या है? – कहानिया हम सब के बचपन के जीवन मे एक अहम भूमिका रखती थी। हर रोज दादी नानी के द्वार कहानियों को सुनते हुए सोना पसंद करते थे। लेकिन क्या हम कभी सोचे ये कहानिया कहा से आई, किसने लिखा इन्हे, कहानी लिखने के नियम क्या है? नहीं, शायद ये ख्याल हमारे मन मे नहीं आया होगा। लेकिन आज के समय मे जब मन सोचने समझने के काबिल हो गए है तो हमारे मन मे ये भी सवाल आते है की कहानी लिखने के नियम क्या है।
आज के इस लेख मे हम इसी के बारे मे जानेंगे की “कहानी लिखने के नियम क्या है?”, “आखिर कौन लिखता है ये सब कहानिया, इसको लिखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, एक कहानी लिखने का सही फॉर्मैट क्या होता है।” आइए सारी जनकारिया हम यह प्राप्त करते है।
कहानियों को लिखना अपने आप मे एक कला है जिसमे भावयुक्ता के साथ साथ रचनात्मक व व्यक्तियों को एक काल्पनिक यात्रा पर ले जाने की क्षमता रखती है। एक कहानी अपने पाठकों के मनोरंजन तो करती ही है उसके साथ साथ यह उन्हे सोचने पे भी मजबूर करती है तथा उने कहानी के भाओ को भी महसूस करती है। लेकिन ऐसे कहानी लिखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन भी करना पड़ता है जिससे कहानी पाठकों के दिलों को छु सके। तो आइए जानते है कहानी लिखने के नियम क्या है (kahani likhane ke niyam kya hai) कैसे एक कहानी से किसी का दिल जीते।
कहानी लिखने के नियम क्या है?
कहानी लिखने के लिए जरूरी है कुछ नियमों का पालन करना। ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण नियम नीचे दिये गए है जिसका पालन कर के आप एक आकर्षक कहानी लिख सकते है जो हर किसी के दिलों को छु सकता है।
आकर्षक शीर्षक का चुनाव करे
कहानी की शीर्षक का चुनाव ऐसा करे की पाठकों को उसे पढ़ के ही पता चल पाए की कहानी किसके बारे मे है और कहानी मे क्या है। इसलिए एक आकर्षक शीर्षक को चुनना जरूरी है क्युकी इसी से कहानी की पहचान होगी।
कहानी का आकर्षक आरंभ करे
कहानी प्रारंभ ऐसे करे की पाठक को आगे पढ़ने की उत्सुकता उतपन हो। अगर आपकी कहानी सुरुवात मे ही बोरिंग हुई तो पाठक उसे वही छोड़ देगा उसे आगे पढ़ने की को जिज्ञासा पैदा नहीं होगा। इसलिए आरंभ मे कुछ ऐसे आकर्षक घटनाओ का वर्णन करे जिससे पाठक पूरा पढ़ना चाहे।
कहानी का उदेश्य स्पष्ट दिखे
कहानी लिखने से पहले आपको यह सोच लेना होगा की आपकी कहानी का मुख्य उदेश्य क्या होगा। हमारा कहानी किस प्रकार का उदेश्य देगा उसके बाद ही कहानी का प्रारंभ करना चाहिए। क्युकी अगर कहानी का उदेश्य नहीं रहेगा तो वो कहानी पाठक को पसंद नहीं आएगा। ऐसा करने से कहानी का ध्येय और रुचि जाहीर होती है और कहानी लिखने मे भी मदद मिलती है।
सहज व सरल भाषा मे लिखे
कहानी को सरल व सहज भाषा मे लिखे क्युकी कोई भी कहानी तभी किसी पाठक को पसंद आती है, जब वो समझ मे आए और समझ मे आने के लिए कहानी मे उपयोग कीये गए शब्द सरल होने चाहिए। यदि हम कहानी मे कठिन शब्दों का उपयोग करेंगे तो फिर पाठक को समझने मे परेशानी होगी जिससे हो इसे पढ़ना पसंद नहीं करेगा।
व्याकरण पे विशेष ध्यान दे
व्याकरण कहानी लिखने की एक जरूरी नियम है। क्युकी यदि व्याकरण पे ध्यान नहीं दिया जाएगा तो कहानी का अर्थ उचित नहीं निकेलेगा। हम अपने पाठकों को बटन कुछ चाहेंगे लेकिन अर्थ कुछ और आएगा जिससे कहानी की गुणवत्ता खराब होती है।
कहानी क्रमबद्ध मे लिखे
लेखको को ये कहानी की आरंभ मे ही सोच लेना होगा की उनको अपने कहानी को किस क्रमबद्ध मे लिखना है। यदि हम कहानी को क्रमबद्ध मे नहीं लिखेंगे फिर पाठक इसे बिना पढे ही चला जाएगा। कहानी को क्रमबद्ध मे लिखेने से कहानी को समझना आसान होता है। इसलिए पहले ही देख ले की किस घटना के बात क्या लिखना है। जिससे कहानी आकर्ष भी लगेगी और इन्टरिस्टिंग भी। कहानी लिखने के नियम क्या है उन्मे से सबसे जरूरी रूल ये भी है।
रहस्य का रंग डाले
एक कहानी को अच्छा बनाने के लिए जरूरी है की उसमे कुछ रहस्यमयी घटनाओ का वर्ण हुआ हो। इसलिए आपको कहानी को ऐसे लिखना है की उसमे कुछ रहस्य दिखे इससे पाठक हो कहानी पूरा पढ़ने की रुचि बढ़ती है।
कहानी छोटे-छोटे वाक्यों मे लिखे
कहानी जितना सरल और सहज हो उतना पाठकों को पसंद आता है। और कहानी को सरल बनाने के लिए ये भी जरूरी है की कहानी को छोटे छोटे वाक्यों मे लिखे। यदि हम बड़े-बड़े वाक्यों का इस्तेमाल अपने कहानी मे करेंगे तो कहानी को समझना दिक्कत भारी होगी। और पाठक इसे पसंद भी नहीं करेंगे इसलिए छोटे वाक्यों का प्रयोग करे।
किरदारों को सही से दिखाए
हम प्रयाश करे की कहानी मे जो किरदार है उनकी बराबर की भूमिका दिखाए। ऐसा करने से कहानी की गुणवत्ता मे बृद्धि होती है तथा कहानी आकर्षक बनती है। और जब कोई कहानी आकर्षक रहेगी तो वो पाठक को भी ज्यादा पसंद आएगी।
एकांत और शांत स्थान को चुने
कहानी को लिखने के लिए जरूरी है सोचना। और हम अच्छा और उचित तभी सोच पाएंगे जब हम एकांत मे और शांत स्थान पे हो। ऐसे स्थान पे हमारा मन विचलित नहीं होता है और हम एकाग्र होकर अपने कहानी के बारे मे सोच पते है।
कहानी कुछ शिक्षा प्रदान करे
कोई भी पाठक कहनी इसलिए पढ़ना पसंद करता है की उसे उस कहानी से कुछ सीखने को मिले। इसलिए हमे कहानी को ऐसा लिखना चाहिए की उससे कुछ शिक्षा भी मिले। हमे ये ध्यान रखना चाहिए की कहानी अछि शिक्षा प्रदान करे न की कोई गलत मैसेज।
दूसरे के कहानियों को पढे
यदि आप चाहते है की आप एक आकर्षक और गुणवत्ता वाला कहानी लिखे, तो उसके लिए आपको दूसरों के कहानियों को पढ़ना होगा। इससे आपको कहानी लिखने के विचार मे सुधार होगी। और आप समझ पाएंगे की हमे कैसा लिखना चाहिए की पाठक को पसंद आए।
समाप्ति पर ध्यान दे
कहानी का आरंभ जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण कहानी का अंत भी होना चाहिए। हमे कहानी का अंत ऐसे करना चाहिए की कहानी पाठक के दिल को छु ले उसको कहानी वास्तविक लगे, वो इसे महसूस कर सके अपने दैनिक जीवन मे, और कुछ इससे उसे सीखने को भी मिले।

कहानी लिखते समय कुछ जरूरी बातों पे ध्यान दे
कहानी लिखने के नियम क्या है ये तो हमने जन लिया लेकिन किसी भी कहानी को लिखने से पहले कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना जरूरी है। क्युकी एक अच्छा कहानी लिखना उतना सरल नहीं है जितना आप सोचते है। हमे कहानी पाठकों को पसंद आने वाली लिखना चाहिए और उसके लिए जरूरी है इन बातों पे ध्यान देना: –
- कहानी की प्रारंभ रहस्यमयी, रोचक और अट्रैक्टिव होनी चाहिए।
- कहानी से कुछ सीखने को मिलन चाहिए।
- कहानी का भाषा सरल होनी चाहिए।
- कहानी का व्याकरण सही होना चाहिए।
- कहानी छोटे छोटे पैराग्राफ मे होनी चाहिए
- कहानी टेन्स हमेस उचित होनी चाहिए कहानी के अनुसार।
- कहानी का समापन दिलों को छु लेना वाला होना चाहिए।
कहानी का सही फॉर्मैट
किसी भी कहानी का एक फॉर्मैट होता है। हमे हमेस उस फॉर्मैट के अनुसार ही कहानी लिखना चाहिए इससे कहानी की गुणवत्ता मे बृद्धि होती है तथा पाठक को पसंद आती है। इसलिए कहानी को नीचे दिये गए फॉर्मैट के अनुसार लिखना चाहिए: –
शीर्षक: – कहानी का शीर्षक ऐसे लिखे जिससे पाठक को शीर्षक पढ़ के ही कहानी समझ मे आए और वो इसे पूरा पढ़ने का मन बना ले।
कहानी की सुरुवात: – कहानी की सुरुवात आकर्षित करे। कहानी सुरु में ही आकर्षक लगेगा तो पाठक इसे पूरा पढ़ेगा। यदि कहानी की सुरुवात ही सही नही होगी तो लोग इसे पूरा पढ़े बिना ही चले जायेंगे। इसलिए शीर्षक के बाद कहानी की प्रारम्भ अच्छा करे।
चरित्र परिचय: – प्रयास यह करे की आपके कहानी में जितने किरदार हो सबका सामान भूमिका हो। ऐसा करने से कहानी की गुणवत्ता बढती है, और कहानी को लोग ज्यादा पसंद करते है।
कहानी का मुख्य भाग/ प्लाट: – कहानी के आरम्भ में सभी किरदारों का परिचय दे दे। उसके बाद कहानी का प्रारम्भ करे एक सरल, सहज व उचित व्याकरण से। अपने कहानी में जटिल शब्दों का इस्तेमाल करने से बचे। क्युकी कहनी में कठिन शब्द होने से कहनी को समझने में परेशानी हो सकती है।
कहानी का निष्कर्ष: – कहानी का अंत हमेसा मजेदार करे जो पाठक के दिल को छु सके। और उस कहानी का निष्कर्ष भी बताये की इस कहानी से क्या सिखने को मिलती है ऐसा करने से पाठको को कहानी अच्छा लगती है।
अब हम कहानी लिखने के नियम क्या है के साथ साथ कहानी के फॉर्मेट क्या होता है कहानी के लिए कुछ विशेष बाते भी जन गये है। यदि आप in सभी बातो को ध्यान में रखकर कहानी लिखेंगे तो आपकी कहानी पाठको को जरुर पसंद आएगी।
Conclusion: कहानी लिखने के नियम क्या है
उम्मीद है आज की यह लेख “कहानी लिखने के नियम क्या है” आपको जरुर पसंद आई होगी। इस लेख में हमने जाना है की kahani likhane ke niyam kya hai, कहानी लिखने का फॉर्मेट क्या होता है, कहानी के लिए किन बातो पे ध्यान देना चाहिए। अब आप इतना सब जाने के बाद एक अच्छा और आकर्षक कहानी लिख सकते है। यदि आपके पास इस लेख के लिए किसी प्रकार का सुझाव या कोई सवाल हो तो आप निचे कमेंट बॉक्स में पुच सकते है।
FAQs
Q. हिंदी में कहानी लिखने के नियम क्या है?
Ans. hindi में कहानी लिखने का नियम: – आपको सर्वप्रथम एक अच्छा शीर्षक का चुनाव करे, फिर कहानी का रोचक प्रारंभ के साथ कहानी को आगे बढ़ाये और अंत में कहानी को एक शिक्षा के साथ समाप्त करे।
Q. क्या कहानी लिखने के लिए नियमो का पालन करना जरुरी है?
Ans. हाँ, एक अच्छा और रोचक कहानी लिखने के लिए नियमो का पालन करना जरुरी है।
Q. कहानी के कितने अंग होते है?
Ans. कहानी के कुल चार अंग होए है: –
- आरम्भ
- आरोह
- चरम स्थिति
- अवरोह
Q. कहानी लिखने की सुरुवात कैसे करे?
Ans. कहानी की सुरुवात करने से पहले कहानी की फॉर्मेट तैयार कर ले फिर उसके हिसाब से अपना कहानी लिखना प्रारम्भ करे। सबसे पहले शीर्षक फिर कहानी की रोचक सुरुआत के साथ आगे बढे फिर एक दिल को छु लेने वाले पैराग्राफ के साथ कहानी का समापन करे।
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